21 सितंबर 2012

मिर्ज़ा ज़ाकिर हुसैन कज़लबाश 'साक़िब लखनवी' (1869-1949) ثؔاقب لکھنوی Saqib Lakhnavi

       
     






















हिज्र की शब नाला-ए-दिल वो सदा देने लगे
सुनने  वाले  रात  कटने  की दुआ देने लगे

बाग़बां  ने  आग दी जब आशियाने को मिरे
जिन  पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे

मुट्ठियों में ख़ाक लेकर दोस्त आये वक़्ते-दफ़्न
ज़िंदगी भर की मुहब्बत का सिला देने लगे

आईना  हो जाए मेरा  इश्क़ उनके हुस्न का
क्या मज़ा हो दर्द अगर ख़ुद ही दवा देने लगे

सीना-ए-सोज़ां में 'साक़िब' घुट रहा है वह धुआं
 उफ़  करूं तो आग की  दुनिया हवा देने लगे

हिज्र की शब्= वियोग की रात । नाला-ए-दिल= हृदय का आर्तनाद। सदा= पुकारना,आवाज़ देना।बाग़बां= माली । आशियाना= नीड़।  तकिया था= जिन पर बना था,सहारा। ख़ाक= धूल।वक़्ते-दफ़्न= मृत को मिट्टी में गाड़ते समय । सिला= बदला।  हुस्न= सौंदर्य।  सीना-ए-सोज़ां =जलती हुई छाती,दुखी ह्रदय।

                                               
                     

4 टिप्‍पणियां:

  1. Khoobsurat blog aur achhi shaairi ka chayan.Aam taur par devnaagri men chhapne waali Urdu kavita ki kitabon men har ek kathin shabd ka arth nahin diya rahta parantu yahan aap ne aise har ek shabd ka arth bataaya hai jo paathak ko samajhne men pareshan kar sakta ho.Yeh bahut achha laga.Is ghazal men ek line 'Jin pe takiya tha wahi patte hawa dene lage'bahut suna tha magar poora sher aur sab se badh kar shaayar ke naam ka bilkul pata nahin tha.Aaj jaankari mein vriddhi hui.

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  2. आप का हिन्दी ब्लाग देख कर बड़ी खुशी हुई ! ये शमा हमेशा जलाए रखये !! उर्दू शायरी की दुनिया मे हमारा ब्लाग भी नुकूशे सुख़न के नाम से कार्यरत है ! अब सोचता हु एक हिन्दी ब्लाग भी शुरू किया जाये !

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  3. इज़ाफ़त की सोच-समज़ के प्रयास में यहाँ तक पहोंचा. जो देखा, ख़ूब पसंद आया |

    प्पकी प्रगति जारी रह, एसी भावना के साथ |

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  4. आप की गज़ल पढ कर बहुत अच्छा लगा। इस ब्लॉग पर भी आपका अन्दाजे बयाँ काबिले तारीफ़ है।
    कठिन अल्फ़ाजोँ का अर्थ जो आपने दिया है इससे समझने मेँ काफी सरलता हो जाती है।
    वैसे मैँ भी गज़ल लिखने की कोशिश करता हूँ www.mysongspradeep.blogspot.com आप मेरी गज़ल का मूल्यांकन करके हमेँ और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करेँ ऐसी आपसे प्रार्थना है।

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